हमारे पृथ्वी के चार प्रमुख घटक है पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने वाले लोगों को... इसने जानना और समझाना आवश्यक है
सुनिये ! क्या आप हमारे पृथ्वी के चार प्रमुख घटकों को जानने और समझने के लिए कुछ समय देंगे ?
यदि आपकी हां है तो सूनिये ...
पृथ्वी चार प्रमुख घटकों से बनती है:
वायुमंडल,
जीवमंडल,
स्थलमंडल, और
जलमण्डल
इन चार घटकों को आप जानते तो है लेकिन इनको थोड़ा समझ भी लीजिए … क्योंकि ...
हमारी दौड़ती भागती जिंदगी में हम इतने खोये हुए रहते है कि हम अपने आसपास के प्राकृतिक घटकों को महसूस कर उनका अनुभव तो करते हैं लेकिन इन्हें जानने और समझने का समय नहीं निकालते है जिसके कारण हमारा संपर्क सीधे प्रकृति के साथ होने के बाद भी हमारा और प्रकृति का तालमेल नहीं बन पता है और जाने अनजाने हम कई बीमारियों से घिर जाते है व हमारे शरीर के साथ - साथ हमारी वसुंधरा के प्राकृतिक संतुलन को हम बिगाड़ने का काम करते है उल्लेखनीय है कि हमारे आसपास का वातावरण हमें रोजमर्रा के जीवन के लिए आवश्यक प्राकृतिक तत्वों के कई प्रकारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर हमे प्रदान करता है। इन प्राकृतिक संसाधनों में हवा, पानी, मिट्टी, खनिज के साथ-साथ जलवायु और सौर ऊर्जा शामिल हैं जो प्रकृति के निर्जीव या "अजैविक" भाग का निर्माण करते हैं। 'जैविक' या प्रकृति के सजीव भाग पौधों, जानवरों और रोगाणुओं से मिलकर बनते हैं। भौतिक भूगोल की दृष्टि से, पृथ्वी चार प्रमुख घटकों से बनती है: वायुमंडल, जीवमंडल, स्थलमंडल, और जलमण्डल इन चारों तत्वों को जानने व समझने पर हमे हमारी शारीरिक संरचना में इन तत्वों के समाविष्ट स्थितियों को अनुभव करने का काल्पनिक आधार मिलता है जिससे हमे प्रकृति को समझने में आसानी होती है साथ ही साथ इस बात को अहसास भी होता है कि हमारी वसुंधरा के चारों प्रमुख घटकों को प्रदूषण मुक्त करायें रखना हमारे लिए कितना आवश्यक है ?