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ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 अंतर्गत प्राधिकार प्राप्त और प्रदान करने की प्रकिया को जानिए

 


ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 अंतर्गत प्राधिकार प्राप्त और प्रदान करने की प्रक्रिया अधिनियम की धारा 13 में स्पष्ट की गई है

विस्तारित उत्पादक दायित्व उत्पादकों का प्राधिकार प्रदान करने की चरणबद्ध प्रक्रिया निम्नानुसार होगी

.राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्राधिकार देगा -  

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1)(i) के तहत अनुसूची में सूचीबद्ध वैद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपस्कर का प्रत्येक उत्पादक प्राधिकार की प्राप्ति के लिए एक राज्य में अपने उत्पाद की बिक्री के मामले में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अथवा एक से अधिक राज्य में अपने उत्पाद की बिक्री के मामले में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्ररूप में इन नियमों के लागू होने की तिथि से नब्बे दिन की अवधि के भीतर ईपीआर प्राधिकार हेतु प्ररूप 1 में आवेदन करेगा,

 केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ईपीआर प्राधिकार प्रदान

 ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1)(ii) के तहत सभी दृष्टि से पूर्ण आवेदन प्राप्ति होने पर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ईपीआर योजना के मूल्यांकन के पश्चात ऐसी जांच-पड़ताल जैसा कि अनिवार्य समझा जाए और इस बात पर समाधान होने के बाद कि निर्माता ने देश में विस्तारित उत्पादक दायित्व का प्रबंधन करने के लिए प्रभावी प्रणाली को विस्तारपूर्वक बतलाया है, एक सौ बीस तारीख की अवधि के भीतर प्ररूप 1 (कक) में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ईपीआर प्राधिकार प्रदान करेगा।

प्रदत प्राधिकारी की विधिमान्यता काल -

ईपीआर प्राधिकार आरंभिक रूप से पांच वर्षों की अवधि के लिए विधिमान्य होगा।

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अनुसरण लक्ष्य निर्धारित करेगा

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1) के तहत प्रदत प्राधिकार में अन्य बातों के साथ-साथ वर्ष के दौरान संग्रहीत किए जाने वाले ई- अपशिष्ट उत्पाद कूट-वार की लक्षित मात्रा सम्मलित होगी। भंजन /पुन: चक्रण के लिए ई अपशिष्ट के संग्रहण के लिए वास्तविक लक्ष्य का विगत वर्षों में बाजार में लाए गए वैद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मात्रा, उत्पाद कूट-वार और उपकरणों की औसत मियाद पर विचार करते हुए निर्धारण किया जाएगा। चालू वर्ष के दौरान सृजित ई अपशिष्ट की प्राक्कलित मात्रा उत्पादक द्वारा बताई जाएगी और उत्पादक द्वारा कार्यान्वित किए जाने के लिए प्रस्तावित संग्रहण स्कीम के साथ संग्रहीत अनुमानित मात्रा विस्तारित उत्पादक दायित्व योजना में बताई जाएगी, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अनुसूची III के अनुसरण लक्ष्य निर्धारित करेगा।

प्राधिकार देने से इंकार करने की प्रक्रिया

1. ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1)(iii) के तहत केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आवेदक को सुनवाई का समुचित अवसर देने के पश्चात ईपीआर- प्राधिकार देने से से इंकार करेगा।

2  . उत्पादक का अधिकार समाप्त हो जायेगा

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1)(iv) के तहत केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ईपीआर प्राधिकार से मना करने की स्थिति में बाजार में किसी भी विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को प्रस्तुत करने का उत्पादन का अधिकार समाप्तहो जाएगा जब तक कि ईपीआर प्राधिकार प्रदत्त न किया जाए।

3 . निगरानी राज्य प्रदूषण बोर्ड करेगा

4. ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1)(v) के तहत ईपीआर प्राधिकार प्रदत्त करने के पश्चात केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ईपीआर प्राधिकार को निगरानी हेतु संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अग्रेषित करेगा।

5 . केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा

6. ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1)(vi) के तहत ईपीआर प्राधिकार नवीकरण के लिए इसके समाप्त होने के एक सौ बीस दिन से पूर्व केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्ररूप 1 में आवेदन किया जाएगा। संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुपालन रिपोर्ट के प्राप्त होने पर प्राधिकार को पांच वर्ष की अवधि के लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसका नवीकरण कर सकता है और इस शर्त के अध्यधीन कि अधिनियम के उपबंधों अथवा अंतर्गत बनाए गए नियम और जो आवेदन प्राप्त होने की तारीख से साठ दिन के भीतर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिनियम या इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों या ईपीआर में निर्दिष्ट शर्तों के उपाबंधों के उल्लंघन न होने की सूचना के अध्यधीन मामले को गुणागुण के आधार पर जांच करने के पश्चात ईपीआर का नवीकरण कर सकता है;

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उल्लिखित शर्तों का अनुपालन करने के लिए निर्देश

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1)(vii) के तहत अनुसूची में सूचीबद्ध वैद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपस्कर के प्रत्येक उत्पादक, जब भी अपेक्षित हो, ईपीआर- प्राधिकार में उल्लिखित शर्तों का अनुपालन करने के लिए सभी कदम उठाएगा;

1.  राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ईपीआर- प्राधिकार अनुपालन की निगरानी करेगा

2.  ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1)(viii) के तहत संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ईपीआर- प्राधिकार अनुपालन की निगरानी करेगा और अनुपालन के किसी उल्लंघन का संज्ञान लेगा तथा यथा आवश्यक कार्रवाई हेतु केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचित करेगा।

 3. ईपीआर प्राधिकार धारक प्राधिकार की किन्हीं शर्तों का उल्लंघन करेगा तो कार्यवाही प्रक्रिया

4 .ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1)(ix) के तहत केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यों ही जांच करेगा और उसकी राय में यदि ईपीआर प्राधिकार धारक प्राधिकार की किन्हीं शर्तों या अधिनियम के किन्हीं उपबंधों अथवा इन नियमों के अनुपालन में असफल रहा हो तो उसे सुनवायी का उचित अवसर देकर और लिखित में उसके कारणों को अभिलेख करने के पश्चात इन नियमों के अंतर्गत जारी ईपीआर प्राधिकार को जन हित में ऐसी अवधि के लिए जो आवश्यक समझा जाए रद्द अथवा निलंबित कर सकता है और रद्द करने के दस दिन के भीतर संबंधित राजय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचित करेगा ।

5. ईपीआर प्राधिकार का एक ऑनलाइन रजिस्टर का रख-रखाव किया जायेगा

6. ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1) (x) के तहत केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर्यावरणीय रूप से अंतर्गत अनुकूल ई-अपशिष्ट प्रबंधन के लिए इन नियमों के अंतर्गत प्रदत्त ईपीआर प्राधिकार का एक ऑनलाइन रजिस्टर का रख-रखाव करेगा जो देश के किसी भी नागरिक तक अभिगम होगा।

7. प्राधिकृत उत्पादक अभिलेख रखेगा और प्रत्येक वर्ष वार्षिक विवरणियां प्रस्तुत करेगा।

8 .ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(1) (xi) के तहत इस नियम के उपबंध के अंतर्गत प्राधिकृत उत्पादक प्ररूप 2 में अभिलेख रखेगा और प्रत्येक वर्ष के 30 जून या उससे पूर्व केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्ररूप 3 में गत वर्ष के अपने कार्यकलापों की वार्षिक विवरणियां प्रस्तुत करेगा।

विनिर्माता का प्राधिकार प्रदान करने संबंधित कार्यवाही प्रक्रिया

1.  विनिर्माता को प्राधिकार लेना पड़ेगा

2.   ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(2) (i) के तहत ई-अपशिष्ट सृजित करने वाले विनिर्माता को संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रदूषण नियंत्रण समितियों से प्राधिकार अभिप्राप्त करना होगा;

3.   नब्बे दिन की अवधि के बाद नियम लागू हुआ

4.   ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(2) (ii) के तहत विनिर्माता प्राधिकार की स्वीकृति के लिए संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्ररूप 1( क ) में इन नियमों के लागू होने की तिथि से नब्बे दिन की अवधि के भीतर आवेदन करेगा;

2.   प्राधिकृत स्थल में सुरक्षित प्रचालनों को क्रियान्वित करने की बाध्यता

1.   ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(2) (iii) के तहत प्राधिकार के लिए सभी दृष्टि से पूर्ण आवेदन की प्राप्ति होने पर संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऐसी जांच-पड़ताल, जैसा कि आवश्यक समझा जाए और इस बात पर संतुष्ट होने पर कि आवेदक प्राधिकृत स्थल में सुरक्षित प्रचालनों को क्रियान्वित करने के लिए आवेदक को प्ररूप 1 ( खख) में प्राधिकार के एक सौ बीस दिन की अवधि के भीतर ई-अपशिष्ट के सुरक्षित हथालन के लिए समुचित सुविधाओं, तकनीकी क्षमताओं और उपकरण से युक्त हो, को मंजूरी दे सकते हैं जो पांच वर्षों की अवधि के लिए विधिमान्य होगा;

3    सुनवाई राज्य प्रदूषण बोर्ड करेगा

   ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(2) (iv) के तहत संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आवेदक को सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर देने के पश्चात किसी प्राधिकार की स्वीकृति देने से इंकार कर सकते हैं;

4 . प्राधिकृत प्रत्येक व्यक्ति वार्षिक विवरणी तैयार

   ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(2) (v) के तहत इन नियमों के अंतर्गत प्राधिकृत प्रत्येक व्यक्ति प्ररूप 2 में उनके द्वारा हथालन किए गए ई-अपशिष्ट के अभिलेख का रख-रखाव करेगा और वित्तीय वर्ष, जो विवरणी से संबंधित है, के बाद 30 जून को अथवा इससे पहले प्ररूप 3 में उल्लिखित ब्यौरों से युक्त एक वार्षिक विवरणी तैयार करेगा और संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रस्तुत करेगा;

 5.  प्राधिकार में विनिर्दिष्ट शर्तों के उल्लंघन पर कार्यवाही प्रक्रिया

 ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(2) (vi) के तहत प्राधिकार के नवीकरण के लिए आवेदन इसकी समाप्ति के एक सौ बीस दिन के पूर्व प्ररूप 1(क) में पांच वर्ष के लिए किया जाएगा और संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड योग्यता के आधार पर प्रत्येक मामले की जांच करने के पश्चात तथा इस शर्त के अध्यधीन कि अधिनियम के उपबंधों अथवा इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों अथवा प्राधिकार में विनिर्दिष्ट शर्तों के उल्लंघन की कोई रिपोर्ट ना हो, प्राधिकार को नवीकृत करते सकते हैं।.

6.  अनुपालन कार्यवाही 

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(2) (vii) के तहत विनिर्माता, प्राधिकार में उल्लिखित शर्तों का अनुपालन करने के लिए सभी कदम उठाएगा।

 7.  प्रत्येक नागरिक ऑनलाइन पंजी का अवलोकन कर सकेगा

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(2) (viii) के तहत संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ई-अपशिष्ट के पर्यावरणीय रूप से अनुकूल प्रबंधन के लिए इन नियमों के अंतर्गत अधिरोपित शर्तों के विवरणों से युक्त एक ऑनलाईन पंजी का अनुरक्षण करेंगे और जो देश के किसी भी नागरकि को अभिगम होंगे।


 

भंजक या पुनःचक्रणकर्ता को भंजन / पुनः चक्रण के लिए प्राधिकार प्रदत्त करने की प्रक्रिया

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) के तहत ई अपशिष्ट का प्रत्येक भंजक अथवा पुनः चक्रक, पंजीकरण की स्वीकृति अथवा नवीकरण के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की प्रति सहित संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तीन प्रतियों में प्ररूप 4 मैं इन नियमों के लागू होने की तिथि से शुरू होने वाले एक सौ बीस दिन की अवधि में आवेदन करेगा, अर्थात:-

स्वीकृत स्थापना के लिए सम्मति कार्यवाही

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) (i)(क) के तहत जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974, (1974 का 25) और वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 ( 1981 का 21) के अंतर्गत संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्वीकृत स्थापना के लिए सम्मतिः

रजिस्ट्रीकरण का प्रमाण-पत्र प्रक्रिया

.ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) (i)(ख) के तहत इस संबंध में जिला उद्योग केन्द्र अथवा प्राधिकृत किसी अन्य सरकारी अभिकरण द्वारा जारी रजिस्ट्रीकरण का प्रमाण-पत्र,

संयंत्र तथा मशीनरी की संस्थापित क्षमता का प्रमाण

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) (i)(ग) के तहत इस ओर से जिला उद्योग केन्द्र अथवा प्राधिकृत किसी अन्य सरकारी अभिकरण द्वारा जारी संयंत्र तथा मशीनरी की संस्थापित क्षमता का सबूत


खतरनाक अपशिष्टों के शोधन तथा निपटान का प्रमाण-पत्र प्रक्रिया

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) (i)(घ) के तहत नवीकरण के मामले में इस उद्देश्य के लिए संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पदनामित किसी अन्य अभिकरण से इस प्रयोजन के लिए बहिस्राव एवं उत्सर्जन मानकों के अनुपालन, खतरनाक अपशिष्टों के शोधन तथा निपटान का प्रमाण-पत्र

 परंतु इन नियमों के लागू होने की तारीख से पूर्व खतरनाक अपशिष्ट (प्रबंधन, हथालन तथा सीमा पारीय संचलन) नियम, 2008 और ई-अपशिष्ट (प्रबंधन एवं हथालन ) नियम, 2011 के उपबंधों के अंतर्गत प्राधिकृत/रजिस्ट्रीकरण किसी व्यक्ति के ऐसे प्राधिकार / रजिस्ट्रीकृत की समाप्ति की अवधि तक प्राधिकार / रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन करना अपेक्षित नहीं होगा;


ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) (ii) के तहत संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, समाधान होने पर कि आवेदन सभी प्रकार से पूर्ण है और यह कि आवेदक केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समय-समय पर विनिर्धारित मार्गदर्शी के अनुपालन में पर्यावरणीय रूप से अनुकूल प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर रहा है और भंजन/पुनःचक्रण के लिए पर्याप्त तकनीकी क्षमताओं, अपेक्षित सुविधाओं तथा उपस्कर से संपन्न हो और ई-अपशिष्ट संसाधित करता हो, को केवल प्राधिकार स्थल में सुरक्षित प्रचालनों के क्रियान्वयन हेतु जैसा भी अनिवार्य समझा जाए, इसमें अनिवार्य शर्तों को निर्धारित करते हुए और स्थल निरीक्षण द्वारा ऐसे आवेदकों को प्राधिकार की स्वीकृति दे सकता है,

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ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) (iii) के तहत संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सभी प्रकार से पूर्ण ऐसे आवेदन की प्राप्ति होने की तारीख से एक सौ बीस दिन की अवधि के भीतर प्राधिकार के लिए आवेदन का व्ययन करेगा;

 

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) (iv) के तहत इन नियमों के अंतर्गत स्वीकृत प्राधिकार इसके जारी होने की तारीख से पांच वर्षों की अवधि के लिए विधिमान्य होगा और इसके साथ बोर्ड द्वारा हस्ताक्षरित क्षेत्र निरीक्षण रिपोर्ट की एक प्रति होगी जिसमें ई-अपशिष्ट के भंजन या पुनःचक्रण की सुविधाओं की पर्याप्तता और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समय-समय पर निर्धारित मार्गदर्शी का अनुपालन इंगित किया गया हो

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ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) (v) के तहत यदि यह करने का कारण है कि प्राधिकृत भंजक/पुन: चक्रक जो रजिस्ट्रीकरण की किसी शर्तों अथवा अधिनियम के किसी उपबंधों अथवा इसके अंतर्गत बनाए गए नियम, भंजक / पुन: चक्रक की सुनवाई का अवसर देने के पश्चात और इसके कारणों को दर्ज करने के पश्चात, अनुपालन करने में असफल होता है तो संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नियमों के अंतर्गत स्वीकृत रजिस्ट्रीकरण को इंकार निरस्त अथवा निलंबित कर सकता है,

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प्राधिकार को पांच वर्ष की अवधि के लिए नवीकृत करने की प्रक्रिया

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ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) (vi) के तहत प्राधिकरण के नवीकरण के लिए आवेदन इसकी समाप्ति के एक सौ बीस दिन के भीतर प्ररूप 4 में किया जाएगा और संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड योग्यता के आधार पर प्रत्येक मामले में और इस शर्त के अध्यधीन कि अधिनियम के उपबंधों अथवा इसके अंतर्गत बनाए गए नियम अथवा प्राधिकार में उल्लिखित शर्तों के उल्लंघन की कोई रिपोर्ट न हो की जांच करने के पश्चात प्राधिकार को पांच वर्ष की अवधि के लिए नवीकृत कर सकते हैं;

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विगत वर्ष के इसके कार्यकलापों का वार्षिक विवरणी प्रक्रिया

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ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) (vii) के तहत भंजक अथवा पुनः चक्रक खरीदे और प्रसंस्कृत किए गए ई-अपशिष्ट के अभिलेखों का अनुरक्षण करेगा और प्रति वर्ष 30 जून को अथवा इससे संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्ररूप 2 मैं विगत वर्ष के इसके कार्यकलापों का वार्षिक विवरणी प्ररूप 3 में प्रस्तुत करेगा;

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मानकों हेतु दिशा-निर्देश जारी करने का अधिकार किसका है

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ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(3) (viii) के तहत केन्द्रीय सरकार और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, समय-समय पर भंजन/ पुनः चक्रण प्रक्रियाओं के लिए निष्पादन के लिए मानकों हेतु दिशा-निर्देश जारी कर सकते हैं,

 


 नवीनीकरणकर्ता को प्राधिकार प्रदत्त करने की पद्धति -

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(4) (i) के तहत ई-अपशिष्ट का प्रत्येक नवीकरणकर्ता इन नियमों के लागू होने की तिथि से आरंभ होकर एक सौ बीस दिन की अवधि में प्राधिकार प्रदत्त किए जाने अथवा नवीकरण हेतु निम्नलिखित दस्तावेजों की एक प्रति के साथ संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तीन प्रतियों में प्ररूप 1 (क) में आवेदन करेगा, अर्थात:-

 

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(4) (i) (क) के तहत जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 ( 1974 का 25) और वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 ( 1981 का 21) के अधीन संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदत्त स्थापित करने की सम्मति

 

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(4) (i) (ख) के तहत रजिस्ट्रीकरण का प्रमाणपत्र जिसे इस संबंध में जिला उद्योग केन्द्र अथवा किसी प्राधिकृत सरकारी अभिकरण द्वारा जारी किया गया हो;

 

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(4) (i) (ग) के तहत संयंत्र और मशीनरी की संस्थापित क्षमता का सबूत जिसे इस संबंध में जिला उद्योग केन्द्र या किसी अन्य सरकारी प्राधिकृत अभिकरण द्वारा जारी किया गया हो।

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ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(4) (ii) के तहत संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समय-समय पर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित दिशा- निर्देशों के अनुपालन सहित सभी प्रकार से पूर्ण आवेदन से समाधान होते हुए किसी प्राधिकृत स्थान में ही नवीनीकरण कार्यकलापों को किए जाने के लिए यथोचित आवश्यक शर्तों को ऐसे आवेदनों पर अनुबंधित करते हुए प्ररूप 1 (खख) में एक बारगी प्राधिकार प्रदत्त कर सकता है;

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ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(4) (iii) के तहत संबंधित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सभी प्रकार से पूर्ण ऐसे आवेदनों की प्राप्ति की तिथि से एक सौ बीस दिन की अवधि के भीतर प्राधिकार देने के लिए आवेदन का निपटान करेगा,

 

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(4) (iv) के तहत संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यदि यह विश्वास करने के कारण हो कि नवीकरणकर्ता प्रदत्त प्राधिकार की किसी शर्त अथवा अधिनियम में किन्हीं उपबंधों अथवा उसके अंतर्गत निर्मित नियमों के अनुपालन में असफल रहा हो तो उसे सुनवाई का एक अवसर प्रदान करते हुए और कारण रिकॉर्ड करने के पश्चात इन नियमों के तहत प्रदत्त प्राधिकार से इंकार कर सकता है, उसे रद्द कर सकता है अथवा निलंबित कर सकता है,

 

ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 की धारा 13(4) (v) के तहत नवीनीकरणकर्ता प्ररूप 2 में खरीदे गए नवीनीकृत ई-अपशिष्ट के अभिलेख रखेगा और प्रत्येक वर्ष 30 जून को अथवा उससे पूर्व संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्ररूप 3 में विगत वर्ष की अपनी क्रियाकलापों की वार्षिक विवरणी प्रस्तुत करेगा।


 

पर्यावरण को प्रदूषित करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की प्रक्रिया भी इस वेब साईट पर प्रकाशित है

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पर्यावरण को संरक्षित करने के नियमों की जानकारी देने वाली वेबसाईट

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  पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क , दार्जिलिंग के रेड पांडा कंजर्वेशन ब्रीडिंग एंड ऑग्मेंटेशन प्रोग्राम को वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जूज़ एंड एक्वेरियम द्वारा 2024 डब्ल्यूएजेडए कंजर्वेशन एंड एनवायरनमेंटल सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स के लिए शीर्ष तीन फाइनलिस्ट में से एक के रूप में चुना गया है। विजेता की घोषणा 7 नवंबर 2024 को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के टारोंगो चिड़ियाघर में 79 वें डब्ल्यूएजेडए वार्षिक सम्मेलन में की जाएगी। 2022 और 2024 के बीच , नौ कैप्टिव-ब्रेड रेड पांडा (सात मादा और दो नर) को पश्चिम बंगाल के सिंगालीला नेशनल पार्क (एसएनपी) में छोड़ा गया। रिहा की गई सात मादाओं में से तीन ने जंगल में पाँच शावकों को जन्म दिया। पीएनएचजेडपी ने पश्चिम बंगाल सरकार के वन्यजीव विंग के साथ मिलकर सिंगालीला नेशनल पार्क और दार्जिलिंग डिवीजन में कई आवास बहाली की पहल की है। पीएनएचजेडपी सीसीएमबी , आईआईएसईआर और डब्ल्यूआईआई जैसे संस्थानों के साथ लाल पांडा से संबंधित कई आंतरिक और सहयोगी शोध कार्य कर रहा है।  पीएनएचजेडपी के संरक्षण प्रयास को इसके बायोबैंकिंग और जेनेटिक रिसोर्स सुविधा से और अधिक मजबूती मिल...

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित, मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली , नए एचपीसी सिस्टम का नाम 'अर्का' और 'अरुणिका' रखा गया है - जो पृथ्वी के प्राथमिक ऊर्जा स्रोत सूर्य से उनके संबंध को दर्शाता है

  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का उद्घाटन किया , नए एचपीसी सिस्टम का नाम ' अर्का ' और ' अरुणिका ' रखा गया है - जो पृथ्वी के प्राथमिक ऊर्जा स्रोत सूर्य से उनके संबंध को दर्शाता है  भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित , मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का उद्घाटन किया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 850 करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। यह परियोजना विशेष रूप से चरम घटनाओं के लिए अधिक विश्वसनीय और सटीक मौसम और जलवायु पूर्वानुमान के लिए भारत की कम्प्यूटेशनल क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण छलांग है। यह दो प्रमुख स्थलों पर स्थित है - पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) और नोएडा में राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ)।   आईआईटीएम सिस्टम 11.77 पेटा फ्लॉप्स और 33 पेटाबाइट स्टोरेज की प्रभावशाली क्षमता से लैस है , जबकि एनसीएमआरडब्ल्यूएफ सुविधा में 8.2...

पुष्प शक्तिः भारत के मंदिरों से निकलने वाले अपशिष्ट का रूपांतरण

  पुष्प शक्तिः भारत के मंदिरों से निकलने वाले अपशिष्ट का रूपांतरण स्वच्छ भारत अभियान द्वारा संचालित मंदिरों के अपशिष्ट का पुनर्चक्रण , पुष्पों के माध्यम से नौकरियां और स्थिरता सुनिश्चित कर रहा है   अधिक जानकारी के लिए पढ़ें- पुष्प शक्तिः भारत के मंदिरों से निकलने वाले अपशिष्ट का रूपांतरण   **** एमजी/एआर/एसके ( रिलीज़ आईडी: 2057278) आगंतुक पटल : 46 प्रविष्टि तिथि: 20 SEP 2024 by PIB Delhi    

बर्तन बैंक की परिकल्पना को साकार कर पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहीं श्रद्धा पुरेंद्र साहू और पर्यावरण संबंधित नियम कानून को जन सामान्य की जानकारी में लाने वाले अमोल मालुसरे के निवेदन पर विधायक रिकेश सेन ने संज्ञान लेकर कार्यवाही करने के लिए पत्र जारी किया है… पढ़िए एकल उपयोग प्लास्टिक मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा का सहभागी कदम…

प्लास्टिक वेस्ट मामले में विधायक रिकेश सेन ने संज्ञान लेकर पर्यावरण संरक्षण के लिए पत्र व्यवहार कर छत्तीसगढ़ राज्य को एकल उपयोग प्लास्टिक मुक्त करने की… शासकीय कार्य योजना में योगदान दिया है… पढ़िए शासकीय आदेश  .......... प्लास्टिक कचरा चर्चा में क्यों?   छत्तीसगढ़ राज्य में सिंगलयूज़ प्लास्टिक के विलोपन के लिये गठित टास्क फोर्स की बैठक विगत वर्ष से मंत्रालय महानदी भवन में संपन्न हो रहीं है… इन बैठकों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के तहत एकल उपयोग प्लास्टिक के विलोपन की कार्ययोजना पर व्यापक चर्चा उपरांत कार्य योजना बनाई गई है । श्रद्धा साहू और साथीगण ने बनवाए है कई बर्तन बैंक जिसके कारण एकल उपयोग प्लास्टिक में कमी आई है बर्तन बैंक की परिकल्पना को साकार कर पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहीं श्रद्धा पुरेंद्र साहू और उनकी टीम के प्रमुख तरुण साहू  पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष योगदान दे रहें जिसके कारण एकल उपयोग प्लास्टिक मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में सभी किं साहभागिता बन रही है  विधायक रिकेश सेन का पत्र विलोपन कार्यवाही के प्रम...

छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष योगदान देने वाली समाज सेविका निशा ने पर्यावरण संरक्षण के व्यवहारिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हम सभी पर अपनी धरती माँ को बचाने की जिम्मेदारी है जिससे की हमारी धरती माँ एक साफ़ और सुरक्षित जगह बन सके

पार्यावरण का अंधाधुंध दोहन रोको हम अनावश्यक रूप से पर्यावरण के संसाधनों का उपयोग अंधाधुंध रूप से कर रहे हैं और बदले में हानिकारक रसायनों और प्रदूषण के अलावा कुछ भी नहीं दे रहे । ये परिणाम विश्वभर में पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म दे रहे हैं विडंबना है कि, मनुष्य अपनी धरती माँ को दूषित, प्रदूषित और अपूर्णीय क्षति पहुँचाने के कई कार्य करता है जैसे वनों की कटाई करता है , जैव विविधता का नुकसान पहुंचता है , वायु प्रदूषण करता है , जहरीले रसायनों के प्रवाह करके नदियों को प्रदूषित करता है , अपशिष्ट पदार्थों को फैलाकर गंदगी करता है , प्लास्टिक कचरा फैलाकर मिटटी की उपजाऊ क्षमता को कमजोर करता है , ग्लोबल वार्मिंग और ओजोन परत का कमजोर करने वाली गतिविधियाँ करता है , भूमिगत जल तेल गैस भंडार और प्राकृतिक संसाधन जैसे खनिजों का उत्खनन करके भूगर्भीय संरचना , जहरीले गैसों का विकास , हवा में प्रदूषण , धुंध आदि को बढ़ाने का काम मनुष्य करता है |   विकसित देश वैश्विक पर्यावरणीय समस्याओं के लिए अधिक जिम्मेदार हैं सोचिए कि क्या हम कभी भी ऐसे परिवेश में रहना पसंद करेंगे जो खराब या अस्वस्थ में हो स...