पर्यावरण मित्र और पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता ने नीलम सिंह ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए चिमनियों से निकलने वाले काले धुएं से लोक स्वास्थ्य को बचाने के लिए इसके दुष्परिणामों को सामने लाया है रायपुर टाटीबंध इलाके की धूल आस पर के औद्योगिक क्षेत्र से कला धुआं उगलती चिमनियों के कारण जन सामान्य के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का सार्वजनिक संज्ञान करवाते हुए कहा की…
विकास
धीमा जहर है विश्व गांव
और विकास के नाम पर फैलाई गई गंदगी का प्रभाव अब स्थानीय नहीं बल्कि वैश्विक हो
गया है। प्रदूषण एक प्रकार का अत्यंत धीमा जहर है, जो हवा,
पानी, धूल आदि के माध्यम से न केवल मनुष्य के
शरीर में प्रवेश कर उसे रुग्ण बना देता है, वरन् जीव-जंतुओं,
पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों और वनस्पतियों को भी
सड़ा-गलाकर नष्ट कर देता है। वैसे तो प्रदूषण के कई प्रकार होते हैं किंतु एक सबसे
बड़ा कारण है उद्योगों से निकल रहा प्रदूषण (काले धुंए
के रूप में ) जो कि विकास के नाम पर बढ़ता ही जा रहा है। काले धुएं से मनुष्य
स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्परिणाम बेहद खतरनाक होते है । मनुष्य शरीर
को ये दुष्परिणाम बीमारियां देते है इसलिए आवश्यक है कि, हमारे
पर्यावरण के संरक्षण के लिए वायु प्रदूषण की रोकथाम के उपाय किए जाएं l
नीलम सिंह की अपील मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता के नाते यह कह सकती हूं कि, यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि, कोई सरकार चुनकर आए उसको पर्यावरण संरक्षण के मुद्दो पर हम अपने विचार दें सके, जन सामान्य के विचार सरकार को देने की व्यवस्था होनी चाहिए इसके साथ साथ आम नागरिकों को भी चाहिए की वे पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक कार्यवाही करने की मांग सरकार से करें, वर्तमान समय की आवश्यकता है की सरकार सबसे पहले साइंटिफिक उपकरणों का उपयोग उद्योगों की चिमनीयो पर करके प्रदूषण के स्तर की सरकार निगरानी करें और जो उद्योगपतियों प्रदूषण नियंत्रित करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल ना करें उन पर भारी से भारी दंड किए जाए ताकि प्रदूषण नियंत्रण नियमों का सख्ती से पालन हो।
सतत विकास ही एकमात्र उपाय है जिससे हम प्रगति भी प्राप्त कर सकते हैं और आने वाले भविष्य के लिए एक सुंदर प्रदूषण मुक्त संसार भी छोड़ सकते हैं।
नीलम सिंह - जिला संयोजक रायपुर भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ