रायपुर निगम ने पुराने पेड़ों को बचने के साथ - साथ पुराने जल स्त्रोत को भी बचाने का कार्य प्रारंभ कर दिया है जिसके कारन पर्यवरण संरक्षण के साथ - साथ रायपुर शहर की पुरानी सांस्कृतिक धरोहर भी बाख जाएगी और रायपुर शहर की पुरानी पहचान और यादें संरक्षित हो जायेंगी
पुराने
कुओं को मिला महत्व अब रायपुर निगम पारंपरिक जल स्त्रोत को महत्व दे
रहा है और उनका रखरखाव करने के लिए आवश्यक कार्यवाही कर रहा है रायपुर निगम की यह
पहल स्वागत योग्य है क्योकि निगम प्रशासन की इस लोकहित के निर्णय लिए जाने के कारण निगम पुराने जल स्त्रोत की साफ सफाई
करवाकर उनको उपयोग में लाए जाने के लायक बना रहा है रायपुर निगम के द्वारा किया जा
रहा यह कार्य जल स्त्रोत को बचाने और उसके मानव उपयोग के लायक बनाए रखने के लिए
आवश्यक कदम है
पहला लक्ष्य दो कुओं का है रायपुर निगम क्षेत्र पुराना रहवासी क्षेत्र है इसलिए रायपुर निगम क्षेत्र में सभी जगह पुराने जल स्त्रोत है जो की वर्तमान समय में उपयोग में नहीं लाए जाने के कारण अव्यवस्थित अवस्था में हैं और बदहाल है लेकिन रायपुर निगम के अब पुराने जल स्त्रोत की सुध लेकर उनको मानव उपयोग के लायक बनाने का निर्णय लिया है और सभी वार्डो के चिन्हित 2-2 पुराने कुंओं एवं पेड़ों के जीर्णोद्धार का कार्य भी प्रारंभ किया गया है |
पुराने पेड़ और कुओं को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ रायपुर निगम क्षेत्र में सौंदर्यीकरण का कार्य जोनों कार्यालयों के माध्यम से प्रगति पर है नगर पालिक निगम रायपुर के 10 जोनो के सभी 70 वार्डो में जोनों के माध्यम से चिन्हित किये गये वार्डवार 2-2 पुराने पेड़ों एवं कुंओं के समाजहित में पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य नगर पालिक निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, संस्कृति विभाग अध्यक्ष श्री आकाष तिवारी, आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देषानुसार प्रगति पर है। उल्लेखनीय है कि विगत दिनों नगर निगम रायपुर द्वारा निगम क्षेत्र के वार्डो में विरासत संरक्षण की दृष्टि से कार्य प्रारंभ करके सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व के पीपल व बरगद आदि प्रजातियों के पुराने पेड़ों एवं पुराने कुंओं के आस पास की सफाई करवाई जा रही है व सफाई उपरांत इनके आसपास जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण का निर्णय लोकहित की दृष्टि से किया जा रहा है यह सफाई कार्य सभी जोन कार्यालयों के माध्यम से प्रारंभ किया गया है। इसके तहत पुराने कुंओं की सफाई का कार्य निरंतर प्रगति पर है।
प्राकृतिक जल स्त्रोत का संरक्षण प्राकृतिक जल स्त्रोतो के विकास सहित उनका समुचित संरक्षण का कार्य रायपुर निगम द्वारा प्रारंभ किया गया है जिसके तहत पीपल, बरगद, नीम प्रजातियों के पुराने पेड़ों को बचाने कार्य रायपुर निगम कर रहा है । हमारी सामाजिक मान्यता अनुसार पेडों और पुराने जल स्त्रोत की महिलाओं एवं लोगो द्वारा शास्त्रों के अनुरूप श्रद्धा पूर्वक पूजा करने की सांस्कृतिक परंपरा रही है। इसलिए पुराने जल स्त्रोत और पेड़ों के आस पास व्यवहारिक आवश्यकता अनुसार चबूतरे आदि बनाकर उनका विकास व सौंदर्यीकरण करने का कार्य किया जाना है। इस हेतु कार्यो को शीघ्र करने जोन कमिष्नरों एवं कार्यपालन अभियंताओं द्वारा मानिटरिंग की जा रही है। महापौर, संस्कृति विभाग अध्यक्ष, आयुक्त ने कार्य को प्राथमिकता देने को कहा है।