सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

नगरीय ठोस अपशिष्ठ, प्लास्टिक अपशिष्ट और इलेक्ट्रानिक अपशिष्ट का विनिष्टकरण करने की प्रक्रिया पर जानकारी जन सामान्य तक पहुंचने के लिए आवश्यक है कि, पर्यावरण मित्र और कार्यकर्ता विभिन्न अपशिष्टों के विनिष्टिकरण प्रणाली की आधारभूत कार्यवाही प्रक्रिया को जाने, समझे और जन भागीदारी देकर पर्यावरण को सुरक्षित करें.... इसी दूरगामी उद्देश्य को अभिप्राप्त करने लिए कार्यशाला में हुई चर्चा के महत्वपूर्ण विषय को जानिए

 

कार्यशाला में चर्चा हुई आबादी क्षेत्र का वातावरण में मानव जीवन का अस्तित्व बनाये रखने के लिए आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए की जाने वाली सामूहिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए तथा इन सामूहिक  गतिविधियों की सतता को बनाए रखने के लिए "रिहायशी इलाकों की ऑक्सीजन और शहर की ठंडक बचाओ अभियान" जैसे लोक हिताय विषयों पर एक दिवसीय कार्यलय में चर्चा हुई ।

पर्यावरण नियमों से परिचय कार्यशाला में जानकारी दी गई कि, पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने वाले पर्यवरण मित्र और कार्यकर्ता कैसे पर्यावरण संबंधित नियमों की जानकारी हासिल कर सकता है इस विषय को स्पष्ट करते हुए अनुभवी कार्यकर्ताओं ने बताया इसी के साथ-साथ यह भी बताया की पर्यावरण नियम कुंजी एक वैचारिक आंदोलन है जो पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयासरत सभी घटकों को उत्प्रेरित करके उन्हें कार्यान्वित करने की दिशा में अग्रषित होने के लिए प्रोत्साहित करता है और पर्यावरण संरक्षण के लिए लागू नियम कानून तथा कार्यवाही प्रक्रिया की त्वरित जानकारी पर्यावरण मित्र / संरक्षक को उपलब्ध करवाने का कार्य ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनो ही प्रकार से कर रहा है और सहायक की भूमिका निभ रहा है |

अनुभव साझा किए गए पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत गणराज्य में लागू अधिनियम, नियम और कार्यवाही प्रक्रिया का संकलन पर्यावरण संरक्षण कुंजी के डिजिटल प्लेटफार्म पर कैसे आता है तथा पर्यावरण नियमों की प्रामाणिक जानकारी कैसे हासिल की जाती है इसकी जानकारी साझा की गई इसके साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी तक पर्यावरण मित्रों की पहुंच स्थापित करने का यह डिजिटल प्लेटफॉम कैसे सहायक होगा यह बताया गया पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत नव आगंतुकों के वैचारिक आदान प्रदान का माध्यम है अतः पर्यावरण नियम कुंजी से जुड़े लोगों के अनुभव प्रत्यक्ष रूप से कार्यशाला में बतये गए एवं परोक्ष रूप से पर्यावरण नियम कुंजी से ऑनलाइन जुड़े लोगों के साथ साझा किये गए ।

चिन्हांकित जटिल समस्याये दिन प्रतिदिन बढ़ता प्रकृति का तापमान, हमारे लिए एक समस्या बनता जा रहा है इसके साथ-साथ प्राणदायक ऑक्सीजन की कमी होने की परिकल्पना का औचित्य कार्यशाला में चर्चा का चिंतनीय चिन्हांकित जटिल समस्या था | जिस पर प्रतिभागियों ने अपना पक्ष रखा और जानकारी दी । विषय विशेषज्ञों ने व्यवहारिक समस्याओं का निरकरण नियमों में कैसे और कहाँ उल्लेखित है इसकी जानकारी दी और नियमनुसार कार्यवाही प्रक्रिया से आगंतुकों को अवगत करवाया |

कार्यशाला की आवश्यकता क्यों है ? लोक स्वास्थ्य के संरक्षण के लिए प्रकृति के तापमान को मानव शरीर की जरूरतों के अनुसार बनाएं रखना आवश्यक है परंतु वर्तमान में प्रदूषण का बढ़ते स्तर प्रकृति के तापमान को बढ़ा दिया है और जैसे-जैसे तापमान बढ़ता जा रहा है मनुष्य जीवन और जीव जंतुओं का जीवन खतरे में पड़ रहा है इसलिए इस खतरे से निपटने के लिए ऐसी कार्यशालों का सत्तत आयोजन किए जाने की आवश्यकता को प्रतिभागियों ने जाना और समझा । कार्यशाला के माध्यम से नियमों और कार्यवाही प्रकिया की जानकारी साझा की गई है | जिसके आधार पर पर्यावरण मित्र और कार्यकर्त्ता विधिक ज्ञान के साथ अपना कार्य कर सकें |

कार्यशाला का लक्ष्य सामूहिक भागीदारी देकर शहर, कस्बे तथा गांव के स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास करने वाले व्यक्तियों को संगठित करके आबादी क्षेत्र में संगठनात्मक शक्ति तैयार करना कार्यशाला का लक्ष्य है जो प्रदूषण करने वालों को रोकेगी और उनकी निगरानी तंत्र बनकर प्रदूषण नियंत्रित करेगी l इसलिए कार्यशाल में सभी प्रतिभागियों को पर्यावरण दिवस पर शपथ लेकर पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने के महत्व को बताया गया ।

कार्यकाल के उपरांत की गतिविधियां बैठक, संगोष्ठी, विचार विमर्श जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करके अधिक से अधिक लोगों को पर्यावरण संरक्षण गतिविधि कार्यनावित करने के लिए आवशय्क तैयारियों की जानकारी दी गई और इस बात से परिचित करवाया गया कि, वर्तमान परिपेक्ष में सोशल मीडिया जन सामान्य तक पहुंच स्थापित करने का सशक्त माध्यम है अतः पर्यावरण मित्र और कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन पर्यावरण संरक्षण से संबंधित  भावनात्मक पोस्ट साझा करने की सुविधा उपलब्ध करवाकर पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियों से जोड़ा जाने के संबध में ऑनलाइन की जाने वाली गतिविधियों की जानकरी दी गई और यह भी बताया गया की  हम सभी पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी कैसे सामूहिक योगदान दे सकते है इस महत्वपूर्ण जानकारी से भी प्रतिभागियों को अवगत करवाया गया

कार्यशाला कार्यान्वयन के परिणाम पर्यावरण के प्रदूषण के दुष्परिणाम से जब जन सामान्य अवगत होंगे तब गांव, कस्बे और शहरों से प्रदूषण रोकने के लिए आवश्यक प्रयास होने लगेंगे इस परियोजना से जन सामान्य को सोशियाल मीडिया के साथ व्यवहारिक रूप से पर्यावरण संरक्षण करने के उपाय से संबंधित विधि सम्मत जानकारियां मिलेंगी जिसके आधार पर प्रदूषण करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही प्रक्रिया संभव हो सकेगी परिणाम स्वरूप प्रदूषण करने वाले लोगों को चिन्हांकित किया जन संभव हो सकेगा और प्रदूषण उत्पन्न करने वाले आधारभूत घटक समाप्त हो जायेंगे ।

शपथ लेकर नागरिक जिम्मेदारी निभायेंगे

सभी प्रतिभागियों ने अपनी नागरिक जिम्मेदारी निभाने के लिए शपथ लेकर पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना सक्रिय योगदान देने के लिए पहल करने का फैसल किया जिसका परिणाम आगामी दिनों में देखने को मिलेगा


पर्यावरण को प्रदूषित करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की प्रक्रिया भी इस वेब साईट पर प्रकाशित है

पर्यावरण को प्रदूषित करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की प्रक्रिया भी इस वेब साईट पर प्रकाशित है
पर्यावरण नियमों का अनुपालन नहीं करने के आरोपी लोगों को दण्डित किये जाने की क़ानूनी प्रक्रिया और वर्त्तमान में लागु प्रावधान भी इस वेबसाइट पर प्रकाशित है - इसलिए इस वेब साईट से जानकारी लीजिये और पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यवहारिक तौर पर संभव होने वाली क़ानूनी प्रक्रिया को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण का प्रयास कीजिये

जानिए - पर्यावरण संरक्षण के व्यवहारिक क़ानूनी उपाय! जिनका प्रयोग करना पर्यावरण संरक्षण हेतु जरुरी है

जानिए - पर्यावरण संरक्षण के व्यवहारिक क़ानूनी उपाय! जिनका प्रयोग करना पर्यावरण संरक्षण हेतु जरुरी है
इस वेबसाइट पर उपलब्ध है "पर्यावरण विधि का संकलन" - उल्लेखनीय है कि, हमारी जीवन दायिनी वसुंधरा के संरक्षण के लिए भारत गणराज्य द्वारा अधिनियमित प्रावधानों व नियमों का संक्षिप्त परिचय और विचारणीय पहलुओं को संकलित कर इस वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है तथा इस वेबसाईट पर पर्यावरण अधिनियम और नियम की जानकारी के साथ - साथ आपको... उन सभी कार्यवाही प्रक्रियाओं की भी जानकारी मिलेगी... जो पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यान्वित है

पर्यावरण को संरक्षित करने के नियमों की जानकारी देने वाली वेबसाईट

पर्यावरण को संरक्षित करने के नियमों की जानकारी देने वाली वेबसाईट
पर्यावरण संरक्षण कार्यवाहियों की निगरानी सूचना का अधिकार आवेदन देकर व्यक्तिगत तौर पर करिए क्योंकि पर्यावरण को प्रदूषित कुछ लोग करते हैं और इस दुष्परिणाम सभी जिव, जंतु और मनुष्यों पर पड़ता है

प्रदुषण के प्रकार जानने के लिए निचे क्लिक करिये

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने जिला प्रशासन और राज्य सरकारों को फसल की कटाई के मौसम में पराली जलाने को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र , पंजाब , हरियाणा , राजस्थान और उत्तर प्रदेश में जिला अधिकारियों को पराली जलाने के मामले में अकर्मण्‍य अधिकारियों पर मुकदमा चलाने का अधिकार दिया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने जिला प्रशासन और राज्य सरकारों को फसल की कटाई के मौसम में पराली जलाने को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया। राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता पर इसके प्रभाव के कारण पराली जलाना गंभीर चिंता का विषय है और आयोग पंजाब , हरियाणा , उत्तर प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों , राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र , दिल्‍ली सरकार ,  राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राज्यों के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों , पंजाब और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और इससे संबंधित संस्थानों सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर रहा है। 2021 , 2022 और 2023 के दौरान अनुभवों और सीखों के आधार पर , धान की कटाई के मौसम के दौरान पराली जलाने की रोकथाम और नियंत्रण पर ध्यान के...

पद्मजा नायडू हिमालयन चिड़ियाघर ने भविष्य के लिए लाल पांडा आनुवंशिक संसाधनों को संरक्षित करने के लिए संरक्षण को बायोबैंकिंग सुविधा के साथ मजबूत किया

  पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क , दार्जिलिंग के रेड पांडा कंजर्वेशन ब्रीडिंग एंड ऑग्मेंटेशन प्रोग्राम को वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जूज़ एंड एक्वेरियम द्वारा 2024 डब्ल्यूएजेडए कंजर्वेशन एंड एनवायरनमेंटल सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स के लिए शीर्ष तीन फाइनलिस्ट में से एक के रूप में चुना गया है। विजेता की घोषणा 7 नवंबर 2024 को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के टारोंगो चिड़ियाघर में 79 वें डब्ल्यूएजेडए वार्षिक सम्मेलन में की जाएगी। 2022 और 2024 के बीच , नौ कैप्टिव-ब्रेड रेड पांडा (सात मादा और दो नर) को पश्चिम बंगाल के सिंगालीला नेशनल पार्क (एसएनपी) में छोड़ा गया। रिहा की गई सात मादाओं में से तीन ने जंगल में पाँच शावकों को जन्म दिया। पीएनएचजेडपी ने पश्चिम बंगाल सरकार के वन्यजीव विंग के साथ मिलकर सिंगालीला नेशनल पार्क और दार्जिलिंग डिवीजन में कई आवास बहाली की पहल की है। पीएनएचजेडपी सीसीएमबी , आईआईएसईआर और डब्ल्यूआईआई जैसे संस्थानों के साथ लाल पांडा से संबंधित कई आंतरिक और सहयोगी शोध कार्य कर रहा है।  पीएनएचजेडपी के संरक्षण प्रयास को इसके बायोबैंकिंग और जेनेटिक रिसोर्स सुविधा से और अधिक मजबूती मिल...

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित, मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली , नए एचपीसी सिस्टम का नाम 'अर्का' और 'अरुणिका' रखा गया है - जो पृथ्वी के प्राथमिक ऊर्जा स्रोत सूर्य से उनके संबंध को दर्शाता है

  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का उद्घाटन किया , नए एचपीसी सिस्टम का नाम ' अर्का ' और ' अरुणिका ' रखा गया है - जो पृथ्वी के प्राथमिक ऊर्जा स्रोत सूर्य से उनके संबंध को दर्शाता है  भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित , मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का उद्घाटन किया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 850 करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। यह परियोजना विशेष रूप से चरम घटनाओं के लिए अधिक विश्वसनीय और सटीक मौसम और जलवायु पूर्वानुमान के लिए भारत की कम्प्यूटेशनल क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण छलांग है। यह दो प्रमुख स्थलों पर स्थित है - पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) और नोएडा में राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ)।   आईआईटीएम सिस्टम 11.77 पेटा फ्लॉप्स और 33 पेटाबाइट स्टोरेज की प्रभावशाली क्षमता से लैस है , जबकि एनसीएमआरडब्ल्यूएफ सुविधा में 8.2...

पुष्प शक्तिः भारत के मंदिरों से निकलने वाले अपशिष्ट का रूपांतरण

  पुष्प शक्तिः भारत के मंदिरों से निकलने वाले अपशिष्ट का रूपांतरण स्वच्छ भारत अभियान द्वारा संचालित मंदिरों के अपशिष्ट का पुनर्चक्रण , पुष्पों के माध्यम से नौकरियां और स्थिरता सुनिश्चित कर रहा है   अधिक जानकारी के लिए पढ़ें- पुष्प शक्तिः भारत के मंदिरों से निकलने वाले अपशिष्ट का रूपांतरण   **** एमजी/एआर/एसके ( रिलीज़ आईडी: 2057278) आगंतुक पटल : 46 प्रविष्टि तिथि: 20 SEP 2024 by PIB Delhi    

बर्तन बैंक की परिकल्पना को साकार कर पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहीं श्रद्धा पुरेंद्र साहू और पर्यावरण संबंधित नियम कानून को जन सामान्य की जानकारी में लाने वाले अमोल मालुसरे के निवेदन पर विधायक रिकेश सेन ने संज्ञान लेकर कार्यवाही करने के लिए पत्र जारी किया है… पढ़िए एकल उपयोग प्लास्टिक मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा का सहभागी कदम…

प्लास्टिक वेस्ट मामले में विधायक रिकेश सेन ने संज्ञान लेकर पर्यावरण संरक्षण के लिए पत्र व्यवहार कर छत्तीसगढ़ राज्य को एकल उपयोग प्लास्टिक मुक्त करने की… शासकीय कार्य योजना में योगदान दिया है… पढ़िए शासकीय आदेश  .......... प्लास्टिक कचरा चर्चा में क्यों?   छत्तीसगढ़ राज्य में सिंगलयूज़ प्लास्टिक के विलोपन के लिये गठित टास्क फोर्स की बैठक विगत वर्ष से मंत्रालय महानदी भवन में संपन्न हो रहीं है… इन बैठकों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के तहत एकल उपयोग प्लास्टिक के विलोपन की कार्ययोजना पर व्यापक चर्चा उपरांत कार्य योजना बनाई गई है । श्रद्धा साहू और साथीगण ने बनवाए है कई बर्तन बैंक जिसके कारण एकल उपयोग प्लास्टिक में कमी आई है बर्तन बैंक की परिकल्पना को साकार कर पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहीं श्रद्धा पुरेंद्र साहू और उनकी टीम के प्रमुख तरुण साहू  पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष योगदान दे रहें जिसके कारण एकल उपयोग प्लास्टिक मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में सभी किं साहभागिता बन रही है  विधायक रिकेश सेन का पत्र विलोपन कार्यवाही के प्रम...

छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष योगदान देने वाली समाज सेविका निशा ने पर्यावरण संरक्षण के व्यवहारिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हम सभी पर अपनी धरती माँ को बचाने की जिम्मेदारी है जिससे की हमारी धरती माँ एक साफ़ और सुरक्षित जगह बन सके

पार्यावरण का अंधाधुंध दोहन रोको हम अनावश्यक रूप से पर्यावरण के संसाधनों का उपयोग अंधाधुंध रूप से कर रहे हैं और बदले में हानिकारक रसायनों और प्रदूषण के अलावा कुछ भी नहीं दे रहे । ये परिणाम विश्वभर में पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म दे रहे हैं विडंबना है कि, मनुष्य अपनी धरती माँ को दूषित, प्रदूषित और अपूर्णीय क्षति पहुँचाने के कई कार्य करता है जैसे वनों की कटाई करता है , जैव विविधता का नुकसान पहुंचता है , वायु प्रदूषण करता है , जहरीले रसायनों के प्रवाह करके नदियों को प्रदूषित करता है , अपशिष्ट पदार्थों को फैलाकर गंदगी करता है , प्लास्टिक कचरा फैलाकर मिटटी की उपजाऊ क्षमता को कमजोर करता है , ग्लोबल वार्मिंग और ओजोन परत का कमजोर करने वाली गतिविधियाँ करता है , भूमिगत जल तेल गैस भंडार और प्राकृतिक संसाधन जैसे खनिजों का उत्खनन करके भूगर्भीय संरचना , जहरीले गैसों का विकास , हवा में प्रदूषण , धुंध आदि को बढ़ाने का काम मनुष्य करता है |   विकसित देश वैश्विक पर्यावरणीय समस्याओं के लिए अधिक जिम्मेदार हैं सोचिए कि क्या हम कभी भी ऐसे परिवेश में रहना पसंद करेंगे जो खराब या अस्वस्थ में हो स...