दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने जानकारी देते हुए बताया है कि शहरीकृत गांवों में बुनियादी ढांचे के प्रावधानों सहित विभिन्न विकास कार्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) और अन्य स्थानीय निकायों द्वारा किए जाते हैं। वहीं, दिल्ली विकास प्राधिकरण शहरीकृत गांवों के उन क्षेत्रों में विकास कार्य करता है, जिन्हें दिल्ली विकास अधिनियम 1957 की धारा 12 के तहत विकास क्षेत्र घोषित किया गया है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण ने सूचित किया है कि शहरीकृत गांवों की राजस्व संपत्ति में सुविधाओं के प्रावधान मास्टर प्लान/जोनल प्लान के अनुसार नियंत्रित होते हैं। डीडीए के विकास क्षेत्रों को प्रचलित मानदंडों के अनुसार भूमि मालिकों की जमीनों को पूल करके उनकी स्वैच्छिक भागीदारी के माध्यम से विकसित किया जाता है। दिल्ली के मास्टर प्लान में विरासत के संरक्षण के प्रावधान किये गए हैं, जिनका उद्देश्य विरासत क्षेत्रों और पुरातात्विक स्थलों की पहचान करना तथा सूचीबद्ध इमारतों एवं परिसरों के लिए विशेष संरक्षण योजना को कार्यान्वित करना है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने यह जानकारी उपलब्ध कराई है कि उसके द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र के तहत शहरीकृत गांवों में सड़कों, बरसाती पानी की नालियों, पार्कों, स्ट्रीट लाइटों आदि के सुधार जैसे विकास कार्यों को पूरा किया जाता है। निगम ने शहरीकृत गांवों में ग्राम सभा की जमीन पर कुछ पार्क तथा खेल के मैदान विकसित किए हैं। एमसीडी ने यह भी बताया है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, दिल्ली में शहरीकृत गांव में पूरा किए जाने वाले कार्यों के लिए गैर-योजना मद के तहत 3,500/- लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के अनुरोध पर स्वनिर्णयगत निधि से भी विकास कार्य कराये जा रहे हैं। दिल्ली छावनी बोर्ड ने सूचित किया है कि उसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत कुछ शहरीकृत गांवों में पार्क, ओपन जिम, स्कूल, सड़कें, नालियां, सीवरेज प्रणाली, जल संबंधी बुनियादी ढांचे और सामुदायिक हॉल आदि जैसी मनोरंजक सुविधाएं पहले ही प्रदान की जा चुकी हैं। आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
एमजी/एआर/एनके/डीएप्रविष्टि तिथि: 07 DEC 2023 by PIB Delhi(रिलीज़ आईडी: 1983704) आगंतुक पटल : 70