कार्बन की गहनता को कम करने और सभी प्रमुख बंदरगाहों पर पर्यावरण के अनुकूल इकोसिस्टम विकसित करने के लिए हरित बंदरगाह दिशा-निर्देश "हरित सागर" : श्री सर्बानंद सोनोवाल
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने कार्बन की गहनता को कम करने और सभी प्रमुख बंदरगाहों पर पर्यावरण के अनुकूल इकोसिस्टम विकसित करने के लिए हरित बंदरगाह दिशा-निर्देश "हरित सागर" का शुभारम्भ किया है।
इन दिशा-निर्देशों के तहत, जहाज से तट तक बिजली की आपूर्ति, बंदरगाह पर लगे उपकरणों का विद्युतीकरण, छोटे जहाजों में हरित हाइड्रोजन/हरित अमोनिया/मेथनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन का उपयोग, हरित हाइड्रोजन/हरित अमोनिया के भंडारण, ईंधन रखने की जगह, ईंधन भरने के लिए चुनिंदा बंदरगाहों पर बुनियादी ढांचे का निर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने आदि जैसे हरित कार्यों को बढ़ावा दिया गया है। दीनदयाल बंदरगाह, विशाखापत्तनम बंदरगाह और न्यू मंगलौर बंदरगाह अधिशेष नवीकरणीय ऊर्जा पैदा कर रहे हैं।
विस्फोटक अधिनियम, 1884 के दायरे में बनाए गए बंदरगाह विनियमन के अनुसार रसायनों और खतरनाक सामग्रियों के लिए प्रमुख बंदरगाहों में बर्थ/जेट्टी का प्रबंधन किया जा रहा है। सरकार ने बंदरगाह भूमि का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने हेतु भूमि प्रबंधन के लिए नीति दिशा-निर्देश (पीजीएलएम), 2015 जारी किए हैं।
यह जानकारी केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
एमजी/एआर/एकप्रविष्टि तिथि: 08 DEC 2023 by PIB Delhi(रिलीज़ आईडी: 1984203) आगंतुक पटल : 194