सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय प्रोफेसर सर पार्थ दासगुप्ता समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों का पालन करते हुए, 2018 से ‘पर्यावरण आर्थिक लेखांकन प्रणाली (एसईईए)’ के तहत विभिन्न प्रकार के पर्यावरण खातों का संकलन कर रहा है।
अवशिष्ट खाते और सतत विकास लक्ष्यों के साथ इनका संबंध
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय प्रोफेसर सर पार्थ दासगुप्ता समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों का पालन करते हुए, 2018 से ‘पर्यावरण आर्थिक लेखांकन प्रणाली (एसईईए)’ के तहत विभिन्न प्रकार के पर्यावरण खातों का संकलन कर रहा है।
एसईईए पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के साथ इसके संबंधों से जुड़े आंकड़ों को व्यवस्थित व प्रस्तुत करने का एक ढांचा प्रदान करता है। एसईईए का पालन करके संकलित किए गए खाते नीति निर्माण की उपयोगिता बढ़ाते हैं और अंतरराष्ट्रीय तुलनीयता, समय के साथ प्रतिकृति एवं मौजूदा राष्ट्रीय खातों के साथ एकीकरण को संभव बनाते हैं। एसईईए ढांचे का उपयोग सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के विभिन्न संकेतकों को मापने के लिए किया जा सकता है और यह एसडीजी को हासिल करने की दिशा में प्रभावी रणनीतियों को तैयार करने एवं प्रगति की निगरानी हेतु नीति निर्माताओं को ठोस जानकारी भी प्रदान करता है।
यह जानकारी सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), योजना राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/एआर/आर/डीवी प्रविष्टि तिथि: 05 FEB 2024 by PIB Delhi(रिलीज़ आईडी: 2002770) आगंतुक पटल : 40