एनएएफसीसी के अंतर्गत परियोजनाओं की स्थिति
जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय अनुकूलन कोष (एनएएफसीसी) की स्थापना भारत के उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अनुकूलन गतिविधियों में सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी जो जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के प्रति संवेदनशील हैं। एनएएफसीसी को परियोजना मोड में लागू किया जाता है। आंध्र प्रदेश सहित 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनकी कुल परियोजना लागत 847.48 करोड़ रुपये है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) एनएएफसीसी के लिए राष्ट्रीय कार्यान्वयन इकाई (एनआईई) है। परियोजनाओं के कार्य प्रदर्शन और एनएएफसीसी दिशानिर्देशों के आधार पर किश्तों में नाबार्ड को परियोजना निधि जारी की जाती है। नवंबर 2022 में एनएएफसीसी को एक गैर-योजना बना दिया गया है।
एनएएफसीसी के तहत विशाखापत्तनम जिले में कोई परियोजना लागू नहीं की गई है। हालाँकि, अगस्त 2016 में “आंध्र प्रदेश के तटीय और शुष्क क्षेत्रों में डेयरी क्षेत्र में जलवायु लचीला हस्तक्षेप ” नामक एनएएफसीसी परियोजना को मंजूरी दी गई थी। इसे आंध्र प्रदेश के तीन जिलों अर्थात् अनंतपुरमु (अनाथपुर), श्री पोट्टी श्रीरामुलु नेल्लोर (नेल्लोर) और विजयनगरम (विजयनगरम) में लागू किया गया है।
इस परियोजना के घटकों में से एक डेयरी पशुओं पर गर्मी और चक्रवातों के प्रभावों के प्रबंधन के लिए समुदाय आधारित सर्वोत्तम प्रथाओं की स्थापना करना है। आंध्र प्रदेश में इस परियोजना का वित्तीय विवरण इस प्रकार है:
विवरण |
राशि (₹) |
स्वीकृत राशि |
12,71,36,316/ (स्वीकृति तिथि: 16-08-2016) |
नाबार्ड को जारी की गई राशि |
6,35,68,108/- (प्राप्ति तिथि: 26-10-2016) |
नाबार्ड द्वारा निष्पादन संस्था (ईई) को जारी की गई राशि |
5,12,78,000/- (वितरण की तिथि: 11-08-2017) |
ईई स्तर पर उपयोग |
228,49,000/- |
भूमि की पहचान और हस्तांतरण में देरी, सिविल इंजीनियरिंग कार्यकारी एजेंसी और तकनीकी संसाधन एजेंसी की पहचान, जलवायु अनूकूल पशु छात्रावास डिजाइन को अंतिम रूप देना शामिल हैं।
यह जानकारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज लोक सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/एआर/आईपीएस/एसएस(रिलीज़ आईडी: 2041578) आगंतुक पटल : 5 प्रविष्टि तिथि: 05 AUG 2024 by PIB Delhi