प्लास्टिक के दोना-पत्तल, प्लास्टिक ग्लास एवं चम्मच तथा पालीथीन कैरीबैग वर्तमान में पूरे विश्व के लिए खतरा बन गए है । एकल उपयोग प्लास्टिक से उत्पन्न खतरा शहरों के लिए भी घातक साबित हो रहा है । प्लास्टिक वस्तुओं का कचरा नगरीय संरचना अर्थात ड्रेनेज पाईप और नालियों को जाम करके गंदगी और संक्रामक बीमारियो को फैलता हैं तथा पाईप लाईन में फंसे प्लास्टिक कचरे को निकलने के लिए भी स्थानीय लोगों को अनावश्यक खर्च का वहन करना पड़ता है । जिससे आर्थिक नुकसान भी होता है । वैसे तो एकल उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं से हमें त्वरित सुविधा मिलती है लेकिन इसके दुष्परिणाम बेहद घातक है । हमारी नदियों और समुद्र को एकल उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं ने दूषित कर दिया है तथा खेती किसानी और बागान की उपजाऊ जमीन भी प्लास्टिक वस्तुओं के कचरे से बंजर हो रही है । उल्लेखनीय है कि, इस विषय पर विगत दिनों दुर्ग जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में रखते हुए.. सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धा साहू के नवाचार कल्पना वाली बर्तन बैंक की सफलता की जानकारी दी थी और अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए थे इसी क्रम में श्रद्धा साहू एवं अमोल मालुसर...
एकल उपयोग प्लास्टिक हमारी वुसंधरा को अपूरणीय क्षति पहुंचा रहा है... पूरा विश्व इस समय इसके खतरे को कम करने में लगा है... छत्तीसगढ़ भी अपना योगदान दे रहा है... जिसमें दुर्ग जिले का उल्लेखनीय योगदान... समीक्षा बैठक..!
गृह मंत्री विजय शर्मा द्वारा दुर्ग की समीक्षा बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धा साहू की क्रांतिकारी पहल से पर्यावरण संरक्षण हेतु किए जा रहे... "नवाचार प्रयत्न"... "बर्तन बैंक" की सराहना की... उल्लेखनीय है कि, अधिकारियों से गृहमंत्री ने कहा “काम बोलता है..!” पर्यावरण नियम कुंजी :: छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा जिले की समीक्षा बैठक में जिला पंचायत सभापति व बर्तन बैंक की संस्थापिका, जो कि, प्रदेश में “बर्तन वाली दीदी” के नाम से मशहूर हैं श्रीमती श्रद्धा पुरेंद्र साहू को विशेष रूप से आमंत्रित कर बर्तन बैंक के बारे में जानकारी ली और इस नवाचार के लिए बर्तन बैंक की जमकर सराहना की उन्होंने अधिकारियों के सामने श्रीमती श्रद्धा पुरेंद्र साहू द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता के प्रति की गई पहल का उद्धाहरण रखते हुए कहा कि, “नाम नहीं...काम बोलता है”। हमारी महिला जनप्रतिनिधि विगत दस वर्ष से बर्तन बैंक को लेकर समर्पित होकर कार्य कर रही है। “नो डिस्पोजल और नो प्लास्टिक कैंपेन” में यह मील का पत्थर साबित हो रही है। यही कारण है कि, अब प्...