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एकल उपयोग प्लास्टिक कचरे के दुष्परिणामों से हमारी पृथ्वी और पर्यावरण को बचाने के लिए विश्व स्तर पर प्रयास किये जा रहे है इस प्रयास को सफल बनाने के लिए चलायी जा रही वैश्विक मुहीम में हमारा देश भी अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है और प्लास्टिक अपशिष्ट के कारण हमारी वसुंधरा को होने वाले अपूर्णीय नुकसान को रोकने के लिए जनजागृति लाने के साथ - साथ प्लास्टिक कचरा जनित करने वाले घटकों पर प्रशासकीय नियंत्रण लाने का भी कार्य हमारा देश कर रहा है /// पढ़िए पूरी जानकारी

 

प्लास्टिक कचरा हमारे लिए कई दृष्टिकोण से घातक है इसिलिय केंद्र सरकार ने भी भारत के सभी राज्यों के साथ मिलकर प्लास्टिक कचरे की प्रभावी निपटन व्यवस्था कायम करने के लिए विगत वर्षों में कई कदम उठाये हैं जिसकी जानकारी को संकलित कर इस पेज पर प्रकशित किया गया है उल्लेखनीय है की प्लास्टिक कचरे के दुषपरिणामों से पृथ्वी को बचने के लिए जो लोग प्रयास कर रहे है... ऐसे पर्यावरण संरक्षक लोगों को हमारे शासकीय तंत्र द्वारा विगत वर्षों में किये गए प्रयसों से अवगत होने का अवसर व सुलभ सन्दर्भ पर्यावरण नियम कुंजी के इस पेज पर प्राप्त होगा

अप्रेल 2018 को प्लास्टिक अपशिष्ट के विरुद्ध कार्यवाही प्रारंभ हुयी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 27 मार्च, 2018 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2018 को अधिसूचित कर दिया गया । परिणाम स्वरूप स्वचालित केंद्रीय पंजीकरण प्रणाली निर्धारित करने की कार्यवाही प्रक्रिया में आएगी

https://www.paryavaranniyamkunji.com/2023/02/27-2018-2018.html

अगस्त 2021 को प्लास्टिक वस्तुओं को प्रतिबंधित करने की दिशा में कार्य प्रारंभ हुआ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वर्ष 2022 तक चिन्हित की गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को प्रतिबंधित करने वाले प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को अधिसूचित किया



फरवरी 2022 को प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट के लिये चक्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कार्यवाही प्रक्रिया में आ गई है क्योकि, केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत प्लास्टिक पैकेजिंग के बारे में विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व पर दिशा-निर्देशों को अधिसूचित किया व उलेखनीय है की इस अधिसूचना के विधि निर्देशानुसार प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट के लिये चक्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जायेगा और टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग की दिशा में व्यापार को आगे बढ़ाने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है  

https://www.paryavaranniyamkunji.com/2023/02/2016.html

 अगस्त 2021 को ऐसी सामग्री जो प्राकृतिक तरीके से सड़नशील न हो ऐसे कचरे की निपटन कार्यवाही के संबंध में वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर देकर प्लास्टिक कचरे से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला जिसके आधार पर उल्लेखनीय है कि, प्लास्टिक और अन्य सामग्री जो प्राकृतिक तरीके से सड़नशील न हो ऐसे कचरे का विधि निर्देशित प्रबंधन करने से और चिन्हित की गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के निषेध से विभिन्न क्षेत्रों में प्लास्टिक सामग्री के उपयोग में भी कमी आएगी और एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग को नियंत्रित करना संभव हो पायेगा 

https://www.paryavaranniyamkunji.com/2023/02/blog-post.html 

अप्रैल 2022 को भारत के संकल्प की घोषणा की गई प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने प्रभावी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जागरूकता शुभंकर 'प्रकृति' और हरित पहल को लॉन्च किया इस अवसर पर श्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि व्यापक परिवर्तन तभी संभव होगा जब विज्ञान न केवल विकास बल्कि सतत विकास प्रदान करेगा और राज्य मंत्री, श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा की किसी भी पहल की सफलता सामूहिक कार्रवाई और जिम्मेदारी में निहित है

जून 2022 को सीपीसीबी ने सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध लागू करने के लिए सार्थक उपाय कर 1 जुलाई 2022 को प्रतिबंधित एसयूपी मदों की सूची साझा की तथा एसयूपी सार्वजनिक शिकायत ऐप के संबंध में बताया की यह जन भागीदारी को सक्षम बनाता है

https://www.paryavaranniyamkunji.com/2023/02/1-2022.html

जून 2022 को प्लास्टिक कचरे के विरुद्ध सीधी कार्यवाही  प्रकिया में लेन हेतु निर्देशित किया गया की 1 जुलाई 2022 से चिन्हित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाकर प्रतिबंधित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के अवैध निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं 

https://www.paryavaranniyamkunji.com/2023/02/1-2022_22.html 

जून 2022 की ही एमओईएफसीसी द्वारा "प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए प्रभावी प्लास्टिक कचरा प्रबंधन" पर वर्चुअल कार्यशाला आयोजित करके सभी का ध्यानाकर्षण करवाया गया की प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है और प्लास्टिक कचरे को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए नगर निकायों की भूमिका अभिन्न है !

जून 2022 से ही पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा चिन्हित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक (एसयूपी) वस्तुओं के उन्मूलन के लिए राज्य सरकारों और नगर निगम के आयुक्तों के साथ बैठक आयोजित कर सभी हितधारकों द्वारा प्रभावी भागीदारी और ठोस कार्रवाई के माध्यम से ही इस प्रतिबंध की सफलता संभव होने की बात कही गई और दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों / शहरी समूहों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के बारे में चर्चा की गई

सितंबर 2022 प्रतिबंधित एकल उपयोग वस्तुओं के लिए इको - विकल्प पर राष्ट्रीय प्रदर्शनी और स्टार्टअप 2022 सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमे देश में प्रतिबंधित एकल उपयोग प्लास्टिक और नवाचार तथा स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए इको-विकल्पों को बढ़ावा देने की पहली पहल में से एक, प्रतिबंधित एकल उपयोग प्लास्टिक की वस्‍तुओं के विकल्प और स्टार्टअप्स-2022 सम्‍मेलन पर नेशनल एक्सपो का चेन्नई ट्रेड सेंटर में उद्घाटन हुआ। 

https://www.paryavaranniyamkunji.com/2023/02/2022-2022.html 

सितंबर 2022 को प्रतिबंधित एकल उपयोग वाले प्लास्टिक और वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए पर्यावरण विकल्पों पर स्टार्टअप सम्मेलन में प्रतिबंधित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के विकल्पों की उपलब्धता अत्यंत महत्वपूर्ण है इस बात पर जोर दिया गया तथा स्टार्टअप और इनोवेटर्स न केवल पर्यावरण की समस्याओं का समाधान प्रदान कर रहा है बल्कि वे देश के आर्थिक विकास में भी मदद कर रहे हैं यह भी बताया गया

अक्तूबर 2022 को एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को खत्म करने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान में 46 टन एकल उपयोग वाला प्लास्टिक जब्त किये जान की जानकारी दी गई सीपीसीबी एसयूपी को खत्म करने के लिए निरीक्षण तेज करेंगे शासन प्रशासन द्वारा जन सामान्य को यह भी बताया गया |

https://www.paryavaranniyamkunji.com/2023/02/46.html

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पर्यावरण को प्रदूषित करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की प्रक्रिया भी इस वेब साईट पर प्रकाशित है

पर्यावरण को प्रदूषित करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की प्रक्रिया भी इस वेब साईट पर प्रकाशित है
पर्यावरण नियमों का अनुपालन नहीं करने के आरोपी लोगों को दण्डित किये जाने की क़ानूनी प्रक्रिया और वर्त्तमान में लागु प्रावधान भी इस वेबसाइट पर प्रकाशित है - इसलिए इस वेब साईट से जानकारी लीजिये और पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यवहारिक तौर पर संभव होने वाली क़ानूनी प्रक्रिया को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण का प्रयास कीजिये

जानिए - पर्यावरण संरक्षण के व्यवहारिक क़ानूनी उपाय! जिनका प्रयोग करना पर्यावरण संरक्षण हेतु जरुरी है

जानिए - पर्यावरण संरक्षण के व्यवहारिक क़ानूनी उपाय! जिनका प्रयोग करना पर्यावरण संरक्षण हेतु जरुरी है
इस वेबसाइट पर उपलब्ध है "पर्यावरण विधि का संकलन" - उल्लेखनीय है कि, हमारी जीवन दायिनी वसुंधरा के संरक्षण के लिए भारत गणराज्य द्वारा अधिनियमित प्रावधानों व नियमों का संक्षिप्त परिचय और विचारणीय पहलुओं को संकलित कर इस वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है तथा इस वेबसाईट पर पर्यावरण अधिनियम और नियम की जानकारी के साथ - साथ आपको... उन सभी कार्यवाही प्रक्रियाओं की भी जानकारी मिलेगी... जो पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यान्वित है

पर्यावरण को संरक्षित करने के नियमों की जानकारी देने वाली वेबसाईट

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पर्यावरण संरक्षण कार्यवाहियों की निगरानी सूचना का अधिकार आवेदन देकर व्यक्तिगत तौर पर करिए क्योंकि पर्यावरण को प्रदूषित कुछ लोग करते हैं और इस दुष्परिणाम सभी जिव, जंतु और मनुष्यों पर पड़ता है

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पार्यावरण का अंधाधुंध दोहन रोको हम अनावश्यक रूप से पर्यावरण के संसाधनों का उपयोग अंधाधुंध रूप से कर रहे हैं और बदले में हानिकारक रसायनों और प्रदूषण के अलावा कुछ भी नहीं दे रहे । ये परिणाम विश्वभर में पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म दे रहे हैं विडंबना है कि, मनुष्य अपनी धरती माँ को दूषित, प्रदूषित और अपूर्णीय क्षति पहुँचाने के कई कार्य करता है जैसे वनों की कटाई करता है , जैव विविधता का नुकसान पहुंचता है , वायु प्रदूषण करता है , जहरीले रसायनों के प्रवाह करके नदियों को प्रदूषित करता है , अपशिष्ट पदार्थों को फैलाकर गंदगी करता है , प्लास्टिक कचरा फैलाकर मिटटी की उपजाऊ क्षमता को कमजोर करता है , ग्लोबल वार्मिंग और ओजोन परत का कमजोर करने वाली गतिविधियाँ करता है , भूमिगत जल तेल गैस भंडार और प्राकृतिक संसाधन जैसे खनिजों का उत्खनन करके भूगर्भीय संरचना , जहरीले गैसों का विकास , हवा में प्रदूषण , धुंध आदि को बढ़ाने का काम मनुष्य करता है |   विकसित देश वैश्विक पर्यावरणीय समस्याओं के लिए अधिक जिम्मेदार हैं सोचिए कि क्या हम कभी भी ऐसे परिवेश में रहना पसंद करेंगे जो खराब या अस्वस्थ में हो स...